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सप्ताह बाद फिर बढ़ने लगे गेहूं का भाव – बड़ी तेजी की और गेहूं

गेहूं का भाव | नमस्कार किसान साथियो आज की इस पोस्ट में जानेगे गेहू की ताजा रिपोर्ट और तमिलनाडु , आस्ट्रेलिया ,में गेहू की स्थिति क्या कुछ है | भारतीय घरेलू बाजार में इसका क्या कुछ असर रहने वाला है | नमस्कार किसान साथियों सरकार ने गेहू को खुले में उतरने की तयारी की और घोषणा की | लेकिन भाव एक बार दवाब में आये फिर से वापिस भाव

गेहूं की आपूर्ति कमजोर होने से फिर महंगा हुआ गेहूं पिछले सप्ताह केंद्र सरकार द्वारा खुले बाजार में गेहूं बेचने के फैसले से इसकी कीमतों में गिरावट आई थी. लेकिन इस हफ्ते गेहूं की कीमतों में फिर से तेजी आ गई है क्योंकि गेहूं की मांग की तुलना में आपूर्ति कम है। कारोबारियों के मुताबिक जब तक खुले बाजार में बिक्री के लिए बड़ी मात्रा में गेहूं नहीं निकलेगा तब तक गेहूं की कीमतों में बड़ी गिरावट संभव नहीं है.

एक सप्ताह बाद गेहू तेजी की औरे गेहूं का भाव
गेहूं का भाव

गेहू का बाजार – रिपोर्ट – गेहू में फ़िलहाल की स्थिति –

इस हफ्ते बढ़े गेहूं के दाम, पिछले हफ्ते आए थे नीचेकेंद्र सरकार ने गेहूं की कीमतों पर लगाम लगाने के लिए पिछले हफ्ते केंद्रीय पूल से 30 लाख टन गेहूं खुले बाजार में छोड़ने का फैसला किया था. जिसके बाद पिछले सप्ताह गेहूं के भाव 500-600 तक गिर गए थे।

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पिछले हफ्ते सरकार के खुले बाजार में गेहूं बेचने के फैसले के बाद राजस्थान के दिल्ली लॉरेंस रोड पर इसकी कीमत 500-600 रुपये घटकर 2650 रुपये प्रति क्विंटल रह गई थी. लेकिन इस सप्ताह के दो दिनों में गेहूं के भाव में 250 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आ चुकी है. दिल्ली लॉरेंस रोड राजस्थान का गेहूं अब 2900 रुपए प्रति क्विंटल बिक रहा है।

मिलों के 24 घंटे चलने के लिए गेहूं उपलब्ध नहीं है, मंडी में आवक भी कम हो रही है। मांग की तुलना में गेहूं की उपलब्धता कम होने के कारण गेहूं की कीमतों में गिरावट ज्यादा दिनों तक नहीं टिक सकी और कीमतें फिर चढ़ गईं। खुले बाजार में गेहूं बेचने के फैसले का तत्काल असर इसकी कीमतों में गिरावट के रूप में सामने आया।

सरकार द्वारा गेहू की इ नीलामी – गेहूं का भाव

लेकिन ई-नीलामी के जरिए 25 लाख टन गेहूं बेचने की सरकार की घोषणा बाजार में मांग की तुलना में बहुत कम है। इसलिए गेहूं के दाम फिर से बढ़ने लगे हैं। गेहूं की कीमतों में बड़ी गिरावट तभी कायम रह सकती है जब सरकार खुले बाजार में बिक्री के लिए बड़ी मात्रा में गेहूं उपलब्ध कराती है।

गेहूं के खुदरा भाव में कोई बदलाव नहीं इस हफ्ते की तेजी के बाद भी खुले बाजार में बेचने के फैसले से पहले गेहूं के थोक भाव 300 रुपये प्रति क्विंटल से भी कम चल रहे हैं. थोक भाव में कमी के बावजूद खुदरा भाव में कोई खास बदलाव नहीं हुआ है।

खुले बाजार में गेहूं बेचने के फैसले की तारीख 25 जनवरी को देश भर में गेहूं का औसत खुदरा मूल्य 33.43 रुपये प्रति किलोग्राम था, जो 30 जनवरी को 33.47 रुपये प्रति किलोग्राम दर्ज किया गया था। खुदरा कीमतों में कोई बदलाव नहीं दिख रहा है।

कि खुले बाजार में बिकवाली के फैसले के बाद भी बाजार में फिलहाल अनिश्चितता का माहौल है. इस दौरान देश भर में आटे की औसत कीमत करीब 38 रुपये प्रति किलो पर स्थिर रही.
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आस्ट्रेलिया में गेहू का उत्पादन –


ऑस्ट्रेलिया में गेहूं का उत्पादन 2022 में 370 मिलियन टन के चरम पर पहुंचने का अनुमान है। 2022 के दौरान मूसलाधार बारिश से ऑस्ट्रेलिया के कैनबरा भागों को आंशिक रूप से नुकसान हुआ, जिससे गंभीर बाढ़ और खेतों में जल-जमाव हो गया। और खासकर इसके दाने प्रभावित हुए। लेकिन अन्य राज्यों में मौसम काफी हद तक अनुकूल रहा और फसल को काफी फायदा हुआ। इसे देखते हुए,

अमेरिकी कृषि विभाग (यूएसडीए) के विदेश विभाग के कृषि सेवा (एफएएस) के कैनबरा स्थित प्रतिनिधि कार्यालय, यानी यूएसडीए पोस्ट ने मौजूदा समय के दौरान ऑस्ट्रेलिया के अन्य राज्यों में गेहूं के कुल उत्पादन में वृद्धि की है। 2022-23 के विपणन सीजन को 37 मिलियन टन के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुँचाया। जो यूएसडीए के आधिकारिक अनुमान 366 लाख टन और 2021-22 सीजन के उत्पादन 363.47 लाख टन से अधिक है।

यूएसडीए पोस्ट के अनुसार, ऑस्ट्रेलिया में गेहूं का बोया गया क्षेत्र पिछले सीजन के लगभग 13 मिलियन हेक्टेयर के समान ही रहा, लेकिन औसत उपज दर में कुछ सुधार की संभावना है, जिससे कुल उत्पादन में लगभग 7 मिलियन टन की वृद्धि होगी। यूएसडीए पोस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक ऑस्ट्रेलिया में गेहूं की कुल उपलब्धता 407.60 लाख टन तक पहुंचने की उम्मीद है, जिसमें 37 मिलियन टन का उत्पादन और 2 लाख टन का संभावित आयात होगा।

आस्ट्रेलिया में गेहूं उत्पादन और निर्यात अनुमान –

इसमें से करीब 2.8 करोड़ टन गेहूं का निर्यात किया जा सकता है और 85 लाख टन का घरेलू उपयोग किया जा सकता है। जबकि मार्केटिंग सीजन के अंत में 42.60 लाख टन का सरप्लस स्टॉक छोड़ा जा सकता है। ऑस्ट्रेलिया में गेहूं की औसत उपज दर 2021-22 सीज़न में 2.7876 टन/हेक्टेयर से बढ़कर 2022-23 में 2.8462 सीज़न टन/हेक्टेयर होने का अनुमान है। कम जनसंख्या ऑस्ट्रेलिया में गेहूं की खपत को सीमित करती है।

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उल्लेखनीय है कि ऑस्ट्रेलिया दुनिया के शीर्ष पांच गेहूं निर्यातक देशों की सूची में शामिल है. यह पश्चिम एशिया, दक्षिण-पूर्व एशिया और मध्य और सुदूर-पूर्व एशिया के देशों को बड़ी मात्रा में गेहूं का निर्यात करता है। इसमें मुख्य रूप से इंडोनेशिया, वियतनाम, मलेशिया, फिलीपींस, थाईलैंड, दक्षिण कोरिया, जापान, म्यांमार, ताइवान, कंबोडिया, चीन और म्यांमार और सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, कुवैत और बहरीन जैसे देश शामिल हैं।

व्यापार विश्लेषकों का कहना है कि हालांकि इस बार ऑस्ट्रेलिया में गेहूं का उत्पादन अपने सर्वकालिक उच्च स्तर तक बढ़ सकता है, लेकिन इसमें फीड ग्रेड अनाज की हिस्सेदारी बढ़ेगी। इसके परिणामस्वरूप पशु चारा निर्माण में उपयोग के लिए गेहूं की निर्यात मांग तो बढ़ेगी, लेकिन उत्पादक-निर्यातकों की आय में अपेक्षित वृद्धि संभव नहीं हो पाएगी।

तमिलनाडु में 85 हजार टन गेहूं की बिक्री के लिए ई-नीलामी और गेहूं का भाव –


तमिलनाडु में 85 हजार टन गेहूं की बिक्री के लिए ई-नीलामी। भारतीय खाद्य निगम (FCI) के तमिलनाडु क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा खुले बाजार में बिक्री के लिए 85 हजार टन गेहूं जारी किया जाएगा। इसके लिए साप्ताहिक आधार पर ई-नीलामी की जाएगी। यह थोक खरीदारों (नीलामी तल) को मिलर्स और अपेक्षाकृत सस्ता गेहूं प्राप्त करने का अवसर प्रदान करेगा, और तदनुसार गेहूं उत्पादों की कीमतें नरम होंगी।

केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय स्तर पर ओपन मार्केट सेल स्कीम (OMSS) के तहत मिलरों/थोक खरीदारों को 2.5 मिलियन टन गेहूं बेचने की घोषणा की है और राज्यों के लिए अलग-अलग मात्रा भी निर्धारित की है।

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