दोस्तों गेहूं के भाव बढ़ने से आवक हुई कम क्या रहेगा आगे जानिए गेहूं तेजी मंदी रिपोर्ट 2023 साथियों सरकारी खरीद का लक्ष्य पूरा न होने की सम्भावना से पिछले 15 दिन में 170 रूपये प्रति क्विंटल तेज हुआ गेहूं
पिछले 15 दिन में गेहूं के दाम 170 रुपये क्विंटल से ज्यादा बढ़ चुके हैं। कारोबारियों के मुताबिक आगे गेहूं की कीमतों में और तेजी आ सकती है। गेहूं महंगा होने की वजह निचले भाव पर खरीद बढ़ने के साथ आवक कमजोर पड़ना है। उत्तर प्रदेश की हरदोई मंडी के गेहूं कारोबारी ने बताया कि मंडियों में गेहूं की आवक कमजोर पड़ी है।
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इन दिनों मंडी में 3000 बोरी गेहूं की आवक हो रही है, पिछले महीने 15 हजार बोरी से अधिक आवक हो रही थी। आवक कमजोर पड़ने से गेहूं की कीमतों में तेजी आई है। दिल्ली में बीते 15 दिन में गेहूं के दाम 170 रूपये प्रति क्विंटल तेज हो गए हैं। इस महीने आवक भी सुस्त है। इस माह मंडियों में 18 मई तक करीब 30 लाख टन गेहूं की आवक हुई है, जबकि पिछले महीने 119 लाख टन आवक हुई है। इस महीने के बचे 8 दिनों में पिछले महीने जितनी आवक के लिए 90 लाख टन गेहूं की आवक होना मुश्किल है।
सरकार भले ही बेमौसम बारिश के कारण हुए नुकसान को दर किनार कर ज्यादा गेहूं पैदा होने का दावा करे, लेकिन नुकसान के कारण इस साल पैदावार कम है। इसलिए आगे गेहूं और महंगा हो सकता है। अगले महीने तक दिल्ली में गेहूं के भाव 2550 रुपये क्विंटल पार कर सकते हैं। अगर सरकार ने खुले बाजार में गेहूं बेचने की स्कीम नहीं निकाली तो भाव 2600 रुपये क्विंटल तक भी जा सकते हैं।
गेहूं बाजार में फिर से तेजी की चाले शुरू होने की संभावना देश प्रमुख उत्पादक राज्यों की महत्वपूर्ण मंडियों में गेहूं की आवक की गति धीमी पड़ती जा रही है। जबकि अप्रैल-मई को पीक आपूर्ति का महीना माना जाता है। इससे संकेत मिलता है। कि या तो इस खाद्यान्न का घरेलू उत्पादन काफी घट गया है। या फिर बड़े-बड़े उत्पादकों- जमींदरों ने इसका भारी- भरकम स्टॉक रोकना आरंभ कर दिया है। सरकारी क्रय केन्द्रों पर सन्नाटा बढ़ने लगा है। पंजाब-हरियाणा में खरीद की प्रक्रिया लगभग समाप्त हो चुकी है।
जबकि मध्य प्रदेश में भी यह अंतिम चरण में पहुंच गई है। उत्तर प्रदेश, राजस्थान एवं बिहार के साथ-साथ गुजरात महाराष्ट्र की मंडियों में भी गेहूं की सीमित आवक हो रही है। और सरकारी खरीद निराशाजनक बनी हुई है। हालांकि सरकार ने जुलाई से खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत अपने स्टॉक से गेहूं उतारने की घोषणा की है लेकिन यदि इसमें कोई अड़ंगेबाजी हुई तो मिल क्वालिटी वाला गेहूं 2500/2600 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच सकता है।
क्या रहेगा आगे
गेहूं के भाव में तेजी जारी देखे आज के गेहूं के भाव
गेहूं में अब भी व्यापारियों एवं फ्लोर मिलर्स की अच्छी मांग बनी हुई है। सबका ध्यान सरकारी खरीद पर केन्द्रित हो गया है जो अब ठहराव के चरण में है। इतना तो निश्चित है। कि गेहूं की कुल वास्तविक खरीद 341.50 लाख टन के नियत लक्ष्य से काफी पीछे रह जाएगी और बाजार पर इसका कुछ हद तक मनोवैज्ञानिक असर पड़ेगा। सरकार को हकीकत का पता है इसलिए उसने भी एहतियाती कदम उठाना शुरू कर दिया है। गेहूं एवं इसके उत्पादों के निर्यात पर प्रतिबंध को बरकरार रखने के संकेत दिए जा रहे हैं जबकि शेष परिस्थिति में इस पर भंडारण सीमा लागू करने पर भी विचार किया जा सकता है। लेकिन असली मामला उत्पादन का है। कृषि मंत्रालय ने इस बार 1122 लाख टन गेहूं के रिकॉर्ड उत्पादन की संभावनी व्यक्त की है। जबकि वास्तविक उत्पादन इससे काफी कम हुआ है। जल्दी ही मंत्रालय का तीसरा अग्रिम अनुमान जारी होने वाला है तब गेहूं उत्पादन की तस्वीर स्पष्ट हो सकती है।
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